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लोकसभा में महिला आरक्षण बिल हुआ पास, पक्ष में 454 वोट, विपक्ष में केवल 2 वोट
महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) बुधवार को लंबी चर्चा के बाद तो-तिहाई बहुमत से लोकसभा से पास हो गया. बिल (Women’s Reservation Bill) के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पर्ची से वोटिंग कराई।
गुरुवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. वहां से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा. महिला आरक्षण बिल नई संसद के लोकसभा में पास हुआ पहला बिल है। महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा।
MSME Promotion Council के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (संगठन) श्री रमेश जी बोहरा ने इस अवसर पर कहा कि एक लंबे इंतज़ार के बाद महिला आरक्षण विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को संसद में मंजूरी मिल गई है. इसलिए आज का दिन महिला जगत के लिये एक ऐतिहासिक और गौरवशाली दिवस है. इससे यह सिद्ध हो गया है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी महिला सशक्तीकरण की सिर्फ बात ही नहीं करते, वे इस दिशा में दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम करके भी दिखाते हैं. इस बिल के माध्यम से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मातृशक्ति सम्पूर्ण राष्ट्र की ताकत है. जिसके बिना भारत के नव निर्माण की कल्पना बेमानी है।
महिला आरक्षण बिल के अनुसार लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा. इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है. यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा. यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।
राम निवास मीना
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
एमएसएमई प्रमोशन काउंसिल