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किसी ज़माने में दुनिया को आर्थिक संकटों से बचाने के लिए बनाया गया जी 20 समूह आज अपने उद्देश्यों में सफल होता हुआ नजर आ रहा है। हर साल आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन की मेजबानी इस बार हमारे देश भारत को मिली है। अपनी गौरवशाली परंपरा को कायम रखते हुए हमने इस बार नई दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन करके पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि हम किसी से कम नहीं है। साझा घोषणा पत्र पर सहमति कायम होना अमृत काल में भारत की नई तस्वीर पेश करता है। इस महासफलता के कई सूत्रधार है जिनके बिना यह संभव नहीं था।

हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और काबिलियत आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। उनकी अद्भुत नेतृत्व क्षमता का उदाहरण हम शिखर सम्मेलन में देख रहे हैं।

माननीय प्रधानमंत्री की प्रगतिशील सोच को अमलीजामा पहनाने वाले भारतीय शेरपा अमिताभ कांत ने इस महोत्सव को सफल बनाने में अपना संपूर्ण योगदान दिया है। बैठक की प्लानिंग से लेकर देशी-विदेशी मेहमानों के बीच कोआर्डिनेशन तक हर काम को शेरपा अमिताभ कांत ने बखूबी अंजाम दिया है।

बात जब आर्थिक मसलों की हो तो फिर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया का जिक्र होना तो लाजमी है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जिस तरह से मजबूती के साथ भारत की आर्थिक प्रगति को पूरी दुनिया के सामने रखा है वह काबिले तारीफ है। कोरोना काल, क्रिप्टो करेंसी और 2000 के नोट बंद करने जैसे कई ज्वलंत मुद्दों को लेकर आरबीआई गवर्नर ने आर्थिक जगत में भारत की दमदार उपस्थिति दर्ज की है।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्र का भी इस सफल आयोजन में बहुत बढ़िया योगदान रहा। अपने दीर्घकालिक प्रशासनिक तजुर्बे और मीठी बोली के ज़रिए मिश्र ने वो कर दिखाया जिसका भरोसा पीएम ने उन‌ पर जताया था।

जी 20 शिखर सम्मेलन की कामयाबी की फेहरिस्त में पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का नाम भी शुमार होता है। श्रृंगला जी-20 के मुख्य समन्वयक हैं। एक विदेश सचिव के रूप में अपने अनुभव को बातचीत में भरपूर इस्तेमाल किया। वे पर्दे के पीछे रहकर अपना शत प्रतिशत देते हैं।

मैक्सिको में भारत के राजदूत रह चुके मुक्तेश परदेशी ने जी-20 के आपरेशन ग्रुप की अहम डेस्क की जिम्मेदारी संभाली। परदेसी मेहमानों को लुभाने में मुक्तेश परदेशी ने कोई कमी नहीं छोड़ी।

भारतीय विदेश सेवा के बेहतरीन अफसर अभय ठाकुर का नाम भी इस सूची में शामिल है। सम्मेलन में बातचीत के लिए एजेंडे पर किस तरह आगे बढ़ना है, यह तय करने वाले ठाकुर साहब थिंक टैंक के प्रमुख सदस्य भी हैं।

जी-20 के इस सफल और ऐतिहासिक आयोजन में वैसे तो हजारों लोगों की कुछ न कुछ भूमिका है, लेकिन कुछ ऐसे स्पष्ट नाम हैं जिन्हें श्रेय दिया जाएगा। इनमें जी-20 सचिवालय के संयुक्त सचिव नागराज नायडू काकनुर, संयुक्त सचिव आशीष कुमार सिन्हा, संयुक्त सचिव एनम गंभीर, भावना सक्सेना, स्मृति, एल रमेश बाबू और रोहित रतीश शामिल हैं।

कुल मिलाकर हम उन सभी ब्यूरोक्रेट्स को शुभकामनाएं देते हैं जिनकी दिन रात की मेहनत का नतीजा आज पूरी दुनिया जी 20 शिखर सम्मेलन के रूप में देख रही है।

धन्यवाद
राम निवास मीना
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
एमएसएमई प्रमोशन काउंसिल
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